शिव भगवन की पूजा कैसे करें

शिव भगवन की पूजा करते भगत घी का दिवा जलाएं ओर पाठ किताब से करें भगवान की आरती  दौरान कई सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। 

सामग्री में कलश का भी प्रयोग करते हैं, कलश  में  सामग्रियां भी डालते हैं। 

यदि आप उपलब्द कर सकते हें तो सप्तनदियोंका जल-गंगा, गोदावरी, यमुना, सिंधु, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा नदी का जल पूजा के कलश में डालें. कलश पर नारियल रखइय । 

नारियल की शिखाओं में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार पाया जाता है। हम जब आरती गाते हैं, तो नारियल की शिखाओं में मौजूद ऊर्जा तरंगों के माध्यम से कलश के जल में पहुंचती है। यह तरंगें काफी सूक्ष्म होती हैं।

जल से भरा कलश देवताओं का आसन माना जाता है।

आरती करते हुए भक्त का भाव ऐसा होना चाहिए, मानो वह पंच-प्राणों की सहायता से ईश्वर की आरती उतार रहा हो। घी की ज्योति जीव के आत्मा की ज्योति का प्रतीक मानी जाती है। यदि हम अंतर्मन से ईश्वर को पुकारते हैं, इसे भक्तों को भगवान से जोडने का माध्यम भी माना जाता है।

इन सभी के पीछे न केवल धार्मिक, बल्कि  वैज्ञानिक आधार भी हैं।

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